डीएस से धूल होगी छूमंतर, हवा होगी साफ
नई दिल्ली। धूल के महीन कणों से दमघोंटू बनी हवा को साफ सुथरा करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने डस्ट सप्रेसेंट (डीएस) के इस्तेमाल का सुझाव दिल्ली समेत सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिया है। डीएस रसायनों को पानी में मिलाकर छिड़काव किए जाने पर छह से आठ घंटे तक धूल के महीन कणों पीएम 1, पीएम 2.5 और पीएम 10 को हवा में मिलने से रोका जा सकता है। वहीं, पानी की बर्बादी भी कम होगी। सीपीसीबी अगले सप्ताह इसकी मानक प्रक्रिया (एसओपी) भी राज्यों से साझा करेगा।
निर्माण स्थलों पर अमूमन देखा जाता है कि धूल के कणों को नियंत्रित करने के लिए हर घंटे पानी का छिड़काव करना पड़ता है। तापमान ज्यादा होने से एक घंटे में दो-तीन बार छिड़काव किया जाता है। इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी होती है, कई बार निर्माण एजेंसियों के कर्मी इसमें लापरवाही भी बरतते हैं। नतीजतन धूल के महीन कणों की मात्रा हवा में बढ़ जाती है।
अधिकांश निर्माण स्थलों पर औसत प्रदूषण स्तर दूसरी जगहों से कई गुना ज्यादा रहता है। इससे निजात दिलाने के लिए सीपीसीबी ने नीरी नामक संस्था से दिल्ली के तीन निर्माण स्थलों के नजदीक की आबोहवा का अध्ययन करवाया था। इसमें सराय काले खां, नरेला व शहीद नगर मेट्रो स्टेशन को शामिल किया गया था। डीएस रसायनों को मिलाकर पानी का छिड़काव करने से छह से आठ घंटे तक धूल के महीन कण नियंत्रित रहे। पहले दस मिनट में 60 फीसदी से ज्यादा धूल दब गई, जबकि छह से आठ घंटे के बीच 30 फीसदी से ज्यादा धूल के महीन कण हवा में नहीं जा सके।
सीपीसीबी विशेषज्ञ बोले
सीपीसीबी के वायु प्रदूषण विशेषज्ञ वीके शुक्ला का कहना है कि डीएस रसायनों का इस्तेमाल पीएम का स्तर कम करने में मददगार होगा। दिल्ली समेत सभी राज्य नियंत्रण बोर्ड को डीएस का इस्तेमाल करने की एडवायजरी भेज दी गई है। सोमवार को इसकी एसओपी भी सीपीसीबी सभी एजेंसियों को भेज देगा।
इन्हें रखा जाता है डीएस की श्रेणी में
मैगनीशियम क्लोराइड, कैलशियम क्लोराइड, सल्फोनेट्स व पॉलिमर सरीखे रसायनों को डीएस की श्रेणी में रखा जाता है। धूल के महीने कणों को नियंत्रित करने के लिए इसे पानी में मिलाकर छिड़का जाता है। बाजार में इसके कई ब्रांड हैं। सीपीसीबी अपनी तरफ से किसी उत्पाद के इस्तेमाल की सलाह नहीं दे रहा है। इसकी जगह अगले सप्ताह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसके इस्तेमाल की एसओपी भेज देगा।