Success Mantra : सरस्वती मां के वाहन 'हंस' से सीख सकते हैं लाइफ मैनेजमेंट की ये बातें
विद्या की देवी सरस्वती की स्तुति करके हम अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं। हम जीवन भर कुछ न कुछ सीखते यानी ज्ञान अर्जित करते रहते हैं इसलिए बसंत पंचमी केवल स्टूडेंट्स के लिए ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए महत्व रखता है। इस बार पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी हुआ है, इसलिए इसकी शुरुआत 29 जनवरी से 30 जनवरी की सुबह 10:30 तक है। 30 जनवरी को इस दिन को मनाने के पीछे कारण है कि पंचमी तिथि का प्रारंभ सूर्योदय के एक प्रहर बाद हो रहा है जिस लिहाज से 30 जनवरी को सरस्वती पूजा करना ज्यादा श्रेष्ठ माना जा रहा है।
आज हम आप देवी सरस्वती का वाहन और भक्त माने जाने वाले हंस के जीवन की ऐसी बातें बताएंगे, जिससे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।
-शास्त्रों के अनुसार देवी सरस्वती विद्या की देवी हैं और उनका स्वरूप श्वेत वर्ण बताया गया है। उनका वाहन भी सफेद हंस ही है। सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। सफेद रंग शिक्षा देता है कि अच्छी विद्या और संस्कार के लिए आवश्यक है कि आपका मन शांत और पवित्र हो।
-आज के समय में सभी को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करना होती है। मेहनत के साथ ही माता सरस्वती की कृपा भी उतनी आवश्यक है, यदि आपका मन शांत और पवित्र नहीं होगा तो देवी की कृपा प्राप्त नहीं होगी और न ही पढ़ाई में सफलता मिलेगी।
-देवी का वाहन हंस यही संदेश देता है कि मां सरस्वती की कृपा उसे ही प्राप्त होती है जो हंस के समान विवेक धारण करने वाला है। केवल हंस में ही वह विवेक होता है कि वह दूध और पानी को अलग-अलग कर सकता है। सभी जानते हैं कि हंस दूध ग्रहण और पानी छोड़ देता है। इसी तरह हमें भी बुरी सोच को छोड़कर अच्छाई को ग्रहण करना चाहिए।